Monday, May 25, 2020

आयुष्मान खुराना की गुलाबो सिताबो अमेजॉन प्राइम पर प्रकाशित

आयुष्मान खुराना की गुलाबो सिताबो अमेजॉन प्राइम पर प्रकाशित
कोरोना के चलते गुलाबो सिताबो अब अमेजॉन प्राइम पर प्रकाशित की जा रही है। गुलाबो सीताबो को शूजित सरकार ने निर्देशित किया है। आयुष्मान खुराना पहली बार इस फिल्म में अमिताभ के साथ नजर आएंगे।

कोरोना वायरस के कारण सिनेमाघरों के बंद होने से फिल्म जगत के सामने एक नई तरह की चुनौती पैदा हो गई है। सिनेमाघरों के बंद होने के साथ, अब फिल्म सीधे ओटीटी या स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों पर रिलीज़ होना शुरू हो गई है, जिसमें अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की गुलाबो सिताबो की पहली घोषणा प्रधान पर जारी की गई है।

गुलाबो सीताबो का वर्ल्ड प्रीमियर 12 जून को प्राइम वीडियो पर हो रहा है। यह फिल्म उद्योग के लिए भी एक नया अनुभव होगा। इससे पहले, केवल करण जौहर की ड्राइव एक फिल्म थी जो सिनेमाघरों के लिए बनाई गई थी, लेकिन सीधे नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ की गई थी।

ओटीटी की मूक रिलीज उन अभिनेताओं के लिए बेचैन है, जिन्होंने सिनेमाघरों के अंदर दर्शकों की दीवानगी देखी है और जिनकी फिल्में सिल्वर और गोल्डन जुबली मनाती रही हैं। शायद यही वजह है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्मों की रिलीज मेगास्टार अमिताभ बच्चन के लिए एक नई चुनौती बनती दिख रही है।

गुलाबो सीताब की ओटीटी रिलीज़ की पुष्टि होने के बाद, अमिताभ ने कहा - उन्होंने 1969 में फिल्म उद्योग में शामिल हो गए और 2020 में 51 साल हो गए। कई बदलाव और चुनौतियां देखीं। अब एक और चुनौती। मेरी फिल्म गुलाबो सीताबो की डिजिटल रिलीज़। 12 जून को अमेज़न प्राइम पर एक साथ 200 से अधिक देशों में, यह शानदार अनुभव होगा।

प्रवासियों के आवागमन से बढ़ी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या

प्रवासियों के आवागमन से बढ़ी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या
लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेशवासियों की व्यावहारिक दिक्कतों को दूर करने के लिए राजस्थान सरकार ने लगातार कदम उठाए हैं। इसी के चलते श्रमिकों, प्रवासियों की परेशानियों एवं व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन में आवश्यकतानुसार छूट दी गई है। लेकिन साथ ही में सरकार इस आवागमन से बढ़ते हुए कोरोना पॉजिटिव केसेज के बारे में भी पूर्णतया सजग है। सरकार आने वाले समय में नियमित हवाई और रेल आवागमन के और खुलने से होने वाले संभावित संक्रमण के बारे में भी सतर्क है। इसलिए राजस्थान में आने वाले समय में भी क्वारंटाइन सहित स्वास्थ्य सम्बंधी सभी प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना कि जाएगी।

प्रवासियों / श्रमिकों के आवागमन से बढ़ी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार की ओर से एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले यात्रियों के लिए क्वारंटाइन के नियम में छूट देने के बावजूद राजस्थान में सभी के लिए 14 दिन तक क्वारंटाइन में रहने के नियम की पूरी पालना कि जायेगी। जो यात्री केवल कुछ दिनों के लिए राजस्थान में रूकेंगे उनके लिए यहाँ आने से पहले या यहाँ पहुँचते ही आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा। ऐसे व्यक्ति को टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने तक क्वारंटाइन में रहना होगा।

निवास पर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि बीते कुछ दिनों के दौरान राजस्थान में बाहर से आए 10 लाख से अधिक प्रवासी आए हैं, उनमें से लगभग 1600 संक्रमित पाये गए हैं। इन प्रवासियों में से 50 प्रतिशत से अधिक लोगों की क्वारंटाइन अवधि पूर्ण नहीं हुई है।

इन परिस्थितियों में स्थानीय निवासियों और आगंतुकों सहित सभी की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य प्रोटोकॉल की पालना सख्ती से की जाए।

प्रवासियों और उनके परिजनों की सहूलियत के लिए राज्य सरकार होम क्वारंटाइन को प्राथमिकता दे रही है। लेकिन होम क्वारंटाइन की सुविधा नहीं होने पर राज्य सरकार ने गाँव स्तर तक संस्थागत क्वारंटाइन की पुख्ता व्यवस्था कि है। हवाई, रेल और सड़क मार्ग से राजस्थान आने वाले सभी आगंतुकों से अपील है कि वे राजस्थान सरकार के ई-मित्र पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीकरण करवाकर ही मोबाइल नम्बर सहित आवश्यक सूचनाएँ दर्ज करवाएँ। इससे व्यक्ति के कोरोना से संक्रमित होने अथवा लक्षण दिखाई देने पर उसके स्वास्थ्य जांच एवं इलाज के लिए समुचित व्यवस्था कि जा सकेगी।

अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाहर से आ रहे सभी लोगों की आईटी आधारित सिस्टम से मॉनिटरिंग की जाये और उन्हें होम क्वारंटाइन करने के निर्देशों की सख्ती से पालना करवाई जाए। हवाई जहाज से आने वाले यात्रियों की सूची सम्बन्धित एयरलाइन्स, ट्रेन से आने वाले यात्रियों की सूची रेलवे तथा बस यात्रियों की सूची राजस्थान रोडवेज से प्राप्त कर सम्बंधित जिला प्रशासन को भिजवाई जाये, ताकि यात्रियों की मॉनिटरिंग की प्रभावी व्यवस्था कि जा सके। इसके साथ ही, सड़क मार्ग से राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए पूर्व की भांति की बॉर्डर चेकपोस्ट पर रजिस्ट्रेशन और क्वारंटाइन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।

लॉकडाउन के दौरान जिन लोगों के अस्थि कलश विसर्जित नहीं हो पाये हैं, उनके लिए राज्य सरकार ने मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा शुरू की है। पहली विशेष बस सोमवार को जाएगी। एक कलश के साथ दो लोग जा सकेंगे और उनको राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के पोर्टल पर rsrtconline.rajasthan.gov.in पर अपना पंजीयन करवाना होगा। इस पहल का प्रदेश भर में आमजन से अच्छा रेस्पोंस मिला है। हमारी पिछली सरकार के समय शुरू की गई वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना का भी लोगों को काफी लाभ मिला था। उसी तर्ज पर इस योजना का लाभ भी अपनों की अस्थियों के विसर्जन का इंतजार कर रहे लोगों को मिले। क्यांेकि यह कई परिवारों के लिए बहुत संवदेनशील विषय है।

लम्बे लॉकडाउन में फुटकर एवं लघु व्यवसायी, स्वरोजगार रकने वाले एवं प्रवासियों को जीविका हेतु काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। सरकार ने पहले भी लोगों के लिए पेंशन, गेहूँ वितरण, 2500 हजार रूपये की नकद सहायता सहित काफी प्रयास किए हैं। इन योजनाओं से वंचित रह गए लोगों को अभी भी खाद्य सुरक्षा कि आवश्यकता है। इसके लिए सरकार ने इन श्रेणियों के लिए एक बारीय खाद्य सुरक्षा हेतु एक सर्वे प्रारंभ कराया गया है, जिसके लिए आवेदन कर्ता ई-मित्र / ई-मित्र ऐप या ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप या नगरीय क्षेत्रों में बीएलओ के माध्यम से आवेदन कर सकते है। इसके सम्बन्ध में ज़रूरी सूचना 181 हेल्पलाइन से ली जा सकती है।

Source: Facebook DIPR-Rajasthan

Saturday, May 16, 2020

एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले के लिए क्वारेंटीन अनिवार्य नहीं

एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले के लिए क्वारेंटीन अनिवार्य नहीं
जयपुर, 16 मई: मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि हॉट-स्पॉट और कप! एरिया को छोड़कर प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले व्यक्तियों को 14 दिन के लिए क्वारेंटीन नहीं किया जाए। केवल उन्हीं लोगों को क्वारेंटीन करें, जिनमें सर्दी, खांसी या जुकाम (आईएलआई) के लक्षण पाए जाएँ। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सीमावर्ती जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों जैसे भिवाड़ी, नीमराणा आदि में प्रतिदिन व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आने वाले दूसरे राज्यों के उद्यमियों एवं श्रमिकों को भी क्वारेंटीन नहीं किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि करीब दो माह से चल रहे लॉकडाउन की पीड़ा झेल रहे प्रवासियों एवं श्रमिकों को सम्बल देने के लिए क्वारेंटीन शिविरों में बेहतर सविधाएँ उपलब्ध करवाना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे श्रमिकों की तकलीफ को समझें और क्वारेंटीन सेंटरों में रह रहे इन श्रमिकों के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज लागू करें, ताकि संकट की इस घड़ी में उन्हें राहत मिल सके। ग्राम स्तरीय क्वारेंटाइन समितियों तक भी इन नवाचारों को पहुँचाया जाए।

श्री गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रवासियों के सुरक्षित आवागमन, क्वारेंटीन एवं शिविरों की व्यवस्था को लेकर उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन की रक्षा करना और मुसीबत के समय में प्रवासियों की पीड़ा को कम कर करना हमारा ध्येय होना चाहिए। अधिकारी इसकी गहन मॉनिटरिंग करें कि क्वारेंटीन सेंटरों और शिविरों में श्रमिकों को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

लोगों ने मास्क को दिनचर्या का हिस्सा बनाया यह अच्छा संकेत मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने मास्क लगाने को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है, यह अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि लोगों में कोरोना को लेकर अब जागरूकता आने लगी है। इससे ही हम लॉकडाउन में और अधिक छूट देने तथा जीवन रक्षा के लिए तैयार हो सकेंगे। लोगों के ये सकारात्मक प्रयास ही इस लड़ाई से जीतने में मददगार होंगे।

ग्रामवासियों का मिल रहा सहयोग राज्य स्तरीय क्वारेंटीन प्रबंधन समिति की अध्यक्ष अतिरिक्त मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी श्रीमती वीनू गुप्ता ने क्वारेंटीन शिविरों की व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नागौर में क्वारेंटीन सेंटरों में रह रहे ज्यादातर लोगों को घर का खाना मिल रहा है। बारां में करीब 2 हजार प्रवासियों को संस्थागत क्वारेंटीन से होम क्वारेंटीन में शिफ्ट कर दिया है। क्वारेंटीन सेंटरों में रह रहे लोगों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने के लिए शारीरिक शिक्षकों, सामाजिक संस्थाओं आदि से सहयोग लिया जा रहा है। प्रशासन को इसमें ग्रामवासियों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है।

पश्चिम बंगाल सरकार ने भी दी सहमति अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग श्री सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी राज्यों को ट्रेनों के जरिए प्रवासियों को भेजने की सहमति दे दी है। राज्य सरकार के स्तर प कोई प्रकरण लंबित नहीं है। प्रवासियों के आवागमन के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रेनें उपलब्ध हैं। अब पश्चिम बंगाल सरकार ने भी राजस्थान से प्रवासी श्रमिकों के आवागमन के लिए सहमति दे दी है।

बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री अभय कुमार, शासन सचिव आपदा राहत श्री सिद्धार्थ महाजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Monday, March 30, 2020

कोरोना वायरस का इलाज कैसे करें?

कोरोना वायरस का इलाज कैसे करें?
आज हम आपको उपाय बतायंगे कि कोरोना वायरस से कैसे बचा जा सकता है। हालांकि वर्तमान में COVID-19 को रोकने या इलाज के लिए कोई अधिकारीक दवा या वैक्सीन नहीं है, कुछ कोरोना रोगियों को सांस लेने में मदद करने के लिए रोगसूचक उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

यदि संक्रमित व्यक्ति को बुखार, खांसी या सांस की तकलीफ महसूस होती है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। जल्द से जल्द अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें और उन्हें बताएं कि क्या आपने हाल ही में यात्रा की है या आपका किसी अन्य व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का संपर्क है, तो कोरोना वायरस से संक्रमित होने का संदेह है।

कोविद -19 से संक्रमित होने से बचने के लिए एक निवारक उपाय के रूप में व्यक्तिगत देखभाल बहुत जरुरी है।


यदि आपको या परिवार के किसी सदस्य को इनमें से कोई भी हल्के लक्षण हैं, तो ठीक होने तक घर में रहें।

आप अपने लक्षणों को दूर कर सकते हैं यदि आप :

  • ठीक से आराम करें और शांत रहें
  • नियमित रूप से योग करे 
  • खूब सारे तरल पदार्थ पिएं जैसे हर्बल टी, सूप, काढ़ा आदि 
  • गले में खराश और खांसी से राहत के लिए ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग करें या गर्म शावर लें


आप कोविद -19 संक्रमण के जोखिम को कम कर सकते हैं यदि:

  • अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं या अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें
  • जब आप खाँसी और / या एक डिस्पोजेबल ऊतक के साथ या अपनी कोहनी के अंदर छींकते हैं तो अपनी नाक और मुंह को कवर करें
  • ठंड या फ्लू (इन्फ्लूएंजा) के लक्षणों के साथ किसी अन्य व्यक्ति के साथ सभी सीधे संपर्क (कम से कम 1 मीटर या 3 फीट) से बचें.

Monday, February 3, 2020

थाईलैंड ने खोजा एचआईवी और फ्लू दवाओं का संयोजन कोरोनोवायरस पर असरदार

थाईलैंड ने खोजा एचआईवी और फ्लू दवाओं का संयोजन कोरोनोवायरस पर असरदार
थाईलैंड ने खोजा एचआईवी और फ्लू दवाओं का संयोजन कोरोनोवायरस पर असरदार:थाईलैंड के राजावती अस्पताल के डॉक्टरों ने नोवल कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों के उपचार में रविवार को प्रगति की है।

थाईलैंड ने कोरोनोवायरस से पीड़ित लोगों को एचआईवी और फ्लू दवाओं का एक संयोजन दिया, जिससे 48 घंटे बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार देखा गया।

यह भी बताया गया कि वुहान की एक 70 वर्षीय कोरोनोवायरस से पीड़ित चीनी महिला का 10 दिनों में स्वास्थ्य में काफी सुधार मिला।

एंटी-एचआईवी दवाओं जैसे लोपिनवीर और रटनवीर के साथ-साथ फ्लू की दवा ओसेल्टामिविर को उपचार के लिए मिश्रण के रूप में इस्तेमाल किया गया था।

राजावती अस्पताल के फेफड़े के विशेषज्ञ क्रिअंगस्का एटिपोर्नवानिच ने कहा कि यह वायरस के इलाज के लिए एक निश्चित तरीका नहीं है, लेकिन यह मरीज की स्थिति को सुधारने में मदद करता है।

एटिपोर्नवानिच ने बताया कि इस पद्धति को उपचार के मानक रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए आगे काम करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, "इस मिश्रण को लागू करने के 48 घंटे बाद परीक्षण के परिणाम सकारात्मक (वायरस के लिए) से नकारात्मक में बदल गए"

थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ सोमवार को होने वाली मूल्यांकन बैठक के बाद, मिश्रण को अन्य रोगियों पर भी लागू किया जा सकता है।

थाईलैंड ने अब तक कोरोनोवायरस के 19 मामले दर्ज किए हैं। उनमें से आठ को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई जबकि 11 लोगों का इलाज जारी रखे हुए हैं।

नोवल कोरोनवायरस से चीन में कम से कम 304 लोग मारे गए हैं, और 14,000 से अधिक संक्रमित हैं।

इसके प्रकोप के बाद से, चीन ने वुहान शहर को लॉक कर दिया है जहां वायरस का पहली बार पता चला था। चीन वायरस को रोकने और प्रभावित लोगों के इलाज के लिए एक 1,000 बेड के अस्पताल का निर्माण कर रहा है।

जापान, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा, वियतनाम, इटली, स्पेन, स्वीडन, यूके, रूस, नेपाल, कंबोडिया , फिलीपींस, श्रीलंका, फिनलैंड और भारत में भी कोरोनोवायरस के मामले दर्ज किए गए हैं।

कहा जाता है कि यह वायरस जानवरों, विशेष रूप से चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनोवायरस के प्रकोप को अंतर्राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है।

ICAI CA इंटरमीडिएट और CA फाउंडेशन का रिजल्ट जल्द जारी

ICAI CA इंटरमीडिएट और CA फाउंडेशन का रिजल्ट जल्द जारी
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) जल्द ही CA इंटरमीडिएट और CA फाउंडेशन परीक्षा के लिए परिणाम घोषित करेगा।

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) , CA इंटरमीडिएट और CA फाउंडेशन परीक्षा के लिए परिणाम की घोषणा 3 और 4 फरवरी को करेगा। यह परीक्षा परिणाम नवंबर 2019 में आयोजित किये गये CA इंटरमीडिएट और CA फाउंडेशन परीक्षाओं के लिए घोषित किया जायेगा। परिणाम ICAI के आधिकारिक पोर्टल पर जारी किया जाएगा।

छात्र, जो नवंबर 2019 CA इंटरमीडिएट और CA फाउंडेशन परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे, वे निम्नलिखित में से किसी एक वेबसाइट से अपना परिणाम देख सकेंगे:

icai.nic.in/caresult/
icaiexam.icai.org /icai_results/index.php
Icai.org

परिणाम की जांच करने के लिए, छात्रों को संस्थान द्वारा आवंटित उनके पंजीकरण नंबर या पिन नंबर की आवश्यकता होगी।

ई-मेल के माध्यम से रिजल्ट


ई-मेल के माध्यम से रिजल्ट प्राप्त करने के लिये 30 जनवरी, 2020 से वेबसाइट icaiexam.icai.org पर अनुरोधों को दर्ज करने के लिए व्यवस्था की गई है।

अपने ई-मेल पते पर परिणाम के इच्छुक फाउंडेशन और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के उम्मीदवारों के लिए भी व्यवस्था की गई है। अपने अनुरोधों को पंजीकृत करने वाले सभी को परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद ई-मेल पते पर ई-मेल के माध्यम से अपने आईसीएआई परिणाम प्रदान किए जाएंगे।

एक योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के लिए, पहले एक छात्र को सीपीटी परीक्षा को पूरा करने की आवश्यकता थी जो कि एक सामान्य प्रवेश परीक्षा थी। हालांकि, ICIAI द्वारा सीपीटी को सीए फाउंडेशन कार्यक्रम के साथ बदल दिया गया है। सीए फाउंडेशन को क्लियर करने के बाद, छात्र को सीए इंटरमीडिएट स्तर और सीए फाइनल स्तर को क्लियर करने की आवश्यकता होती है।

Monday, January 20, 2020

चीन में तेजी से फैल रहा है कोरोना वायरस

Corona virus is spreading rapidly in China
चीन नए साल की छुट्टियों से पहले वुहान में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के प्रयासों कर रहा है, क्योंकि कोरोना वायरस पुष्टि किए गए मामलों में वृद्धि के कारण वायरस अन्य देशों में फैल सकता है।

चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने रविवार को कहा कि निवारक उपायों को करने के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करना चाहिए। अन्यथा कोरोना वायरस तेजी से पड़ोसी देशों में फैल सकता है।

चीन के वुहान शहर के स्वास्थ्य प्राधिकरण ने रविवार को शहर में वायरस के 17 और मामलों की सूचना दी, जिससे कुल ज्ञात रोगियों की संख्या 62 हो गई।

लगभग 11 मिलियन लोगों की आबादी वाले मध्य चीन के सबसे बड़े शहर वुहान में वायरस से दो लोगों की मौत हो गई है। साथ ही जापान और थाईलैंड में तीन मामलों की पुष्टि हुई है - दो थाईलैंड में और एक जापान में - जिसमें वुहान के लोग शामिल हैं या जिन्होंने हाल ही में शहर का दौरा किया है।

चीन, विश्व स्वास्थ्य संगठन और दुनिया भर के अधिकारी वायरस को रोकने के प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं, जो शुरू में दिसंबर के अंत में वुहान में निमोनिया के रोगियों की लहर के रूप में उभरा था।

चीन के 1.4 बिलियन लोगों में से कई अगले सप्ताह से शुरू होने वाले चंद्र नववर्ष के दौरान घरेलू और विदेश यात्रा करेंगे, जिससे अन्य देशों में कोरोना वायरस के फैलने की चिंता बढ़ेगी।

कोरोना वायरस एक ही परिवार में सेवर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) के रूप में आता है, जिसने 2002-03 के प्रकोप के दौरान विश्वभर में लगभग 800 लोगों को मार दिया था।

हालांकि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि नया वायरस कोरोना, एसएआरएस जितना घातक नहीं हो सकता है, फिर भी इसके मूल सहित इसके बारे में बहुत कम जानकारी है।

डब्ल्यूएचओ ने रविवार को कहा कि कुछ नए मामले हुआनन सीफूड मार्केट से नहीं जुड़े हैं, ऐसा माना जाता है कि यह प्रकोप का केंद्र है। व्यापक स्क्रीनिंग को लागू करने के चीन के प्रयासों के कारण, आने वाले दिनों और हफ्तों में नए मामलों की पहचान की जा सकती है। अमेरिका के साथ-साथ अधिकांश एशियाई देशों में हवाई अड्डा प्राधिकरण वुहान से यात्रियों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं।

हालांकि खबरों के मुताबिक कोरोना वायरस का असर नेपाल में भी दिख रहा है। अगर चीन इस वायरस के प्रकोप को जल्द से जल्द काबू में नहीं लाया तो इसका असर पड़ोसी देशों में देखा जायेगा।
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